मनोना धाम का पहला चमत्कार Manona Dham ka Pehla Chamatkar

मनोना धाम Manona Dham

होली से पहले एक दिन की बात है महंत जी खाटू श्याम जी की आरती कर रहे थे दिल्ली से कुछ लोग आए हुए थे जो आरती के समय बाहर खड़े थे ,महंत जी ने देखा तो उन सबको आरती के लिए अंदर बुला लिया कि आप सब आरती अंदर आकर कर लीजिए ! वह सब अंदर आ गए उनके संग एक बच्ची भी थी वह बाहर ही खेलने चली गई ! जब परिवार जनों को पता चला की बच्ची दिख नहीं रही है तो उसे ढूंढने चले गए बहुत देखा पर बच्ची नहीं मिल रही थी !

सब बहुत परेशान हो गए थे ढूंढते ढूंढते वह पानी से भरी टांकी के पास पहुंचे जहां उनकी बच्ची गिर गई थी और बच्ची मृत तैर रही थी वह सब देखकर बहुत ज्यादा घबरा गए कि यह क्या हो गया जल्दी-जल्दी उस बच्ची को वहां से निकाला उसे लिटाया सब ने देखा तो यह बच्ची मृत थी ! परिवार के सदस्य , माता-पिता सब रोने लगे दुखी हो गए तुरंत महंत जी के पास गए महंत जी अभी पूजा ही कर रहे थे महंत जी को सब स्थिति बताई तो उन्होंने देखा और वह भी परेशान हो गए !

वह सीधे बाबा श्याम के पास आए महंत जी सच्चे मन से प्रार्थना कर रहे हैं की बाबा यह सब कैसे हो गया ये सब देख कर मनोना धाम के लिए सब की गलत धारणा बन जाएगी लोग विश्वास नहीं कर पाएंगे ! महंत जी ने श्याम बाबा के पास दो शर्तें रख दी पहले यह की बाबा इस बच्ची की जान लौटा दीजिए या मैं भी आपकी तरह अपना शीश आपके चरणों में सौंप देता हूं !

महंत जी की खाटू श्याम बाबा से बात हो ही रही थी की महंत जी को किसी ने आकर झंझोल दिया और एकदम से महंत जी उठ खड़े हुए सब कुछ इतनी जल्दी हो रहा था कि समझ पाना मुश्किल हो रहा था बाबा स्वत से सब कुछ कर रहे थे और करते भी हैं  !बाबा श्याम जी के पास एक जल से भर लोटा रखा था , तो लोटे को उठाकर बच्ची के पास गए और जल की छींटे बच्ची के ऊपर मारी तो बच्ची कुछ ही समय में रोने लगी हाथ पैर भी हिलाने लगी जितने भी लोग वहां खड़े थे सब बहुत खुश हो गए ! बाबा की जय जयकार करने लगे बाबा ने सबका विश्वास पूरा किया है , हम सबको भी भगवान पर विश्वास बनाए रखना चाहिए ! मनोना धाम का पहला चमत्कार

हमेशा भगवान को साथ रखना चाहिए ! एक बार सब अपने मन से जरूर लिखें हारे के सहारे की जय बाबा श्याम की जय ! मनोना

धाम का पहला चमत्कार

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